Barish ki kami se Chawal Kheti par Sankat ke badal बारिश की कमी के कारण चावल की खेती पर संकट के बादल
बारिश
की
कमी
के
कारण
चावल
की
खेती
पर
संकट
के
बादल
नाशिक (वसीम रजा खान)
जून माह में दूसरे दो हफ्तों के बाद भी बारिश के अधिक मात्रा में ना होने से पेठ तहसील की चावल की खेती पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. खेतों में आए चावल और नागली के पौधे मुरझाने लगे हैं. अन्य फसलों की बढने की क्षमता भी घट गई है. पेठ तहसील में खरीफ मौसम में चावल और नागली ये दोनों फसलें ही बोई जाती हैं. चावल की खेती को बीजों के बुवाई और लगाई इन दो चरणों में किया जाता है. इस साल बारिश के शुरुवाती दिनों को देखते हुए किसानों ने बीज बो दिये जनमें से पौधे भी निकल आए. लेकिन बारिश के अचानक रुक जाने और तेज़ गर्मी के कारण पौधे मुरझाने लगे हैं. पानी की कमी के करण पौधे सूख रहे हैं. और कुछ दिनों तक एैसी ही स्थिती रही तो यहां के आदिवासी किसान आर्थिक संकट में पड जाऐंगे एैसा डर किसानों में फैल गया है.
बारिश के रुक जाने से बरबाद हुई फसल की दोबारा बुवाई की जाती है. बाजरा, ज्वार, मकई, सोयाबीन की फसलों की दोबारा बुवाई संभव होती है लेकिन चावल और नागली इन फसलों को दोबारा नहीं लगाया जासकता. एैसे में बरबाद हुए बीज और पौधे किसानों को बडा नुकसान देते हैं. इसलिये बारिश के ना होने से किसान डर रहे है कि कही इस साल की खरीफ फसल उन्हें धोका ना देदे. पेठ तहसील में करीब 100प्रश चावल और नागली की फसलों की बुवाई की गई है. बारिश के आने में देरी होने से पहाडियों के उतार पर बोई गई ये फसलें पीली पडने लगी हैं. किसान फसलों को जितना हो सके पानी पहोंचाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन बारिश होने के बाद ही इन फसलों में नई जान आएगी एैसा कहा जा रहा है.
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