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State government should cancel the decision to start a school राज्य सरकार स्कूल शुरु करने का निर्णय रद्द करे


राज्य सरकार स्कूल शुरु करने का निर्णय रद्द करे
मुख्य अध्यापक संघटना ने मुख्य मंत्री को लिखा पत्र
WHO की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना विषाणु का दूसरा बडा प्रकोप पूरी दुनिया में शुरु हो गया है. नाशिक और महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की संख्या बहोत तेज़ी से बढती जा रही है. इस संबंध में शिक्षण विभाग ने जुलाई माह से स्कूलें शुरु करने का विद्यालय व्यवस्थापर समिती, शिक्षक अभिभावक सभा लेने के लिये निकाला गया आदेश तुरंत वापस ले. एैसी मांग मुख्य अध्यापक संघ की ओर से मुखमंत्री उद्धव ठाकरे से एक पत्र द्वारा की गई है. इस पत्र में छात्रों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए स्कूलें ना खोलने के लिये विनंती की गई है. पत्र में लिखा गया है कि पहले महाराष्ट्र शासन ये जाहिर करे की महाराष्ट्र के सभी जिले कोरोना मुक्त हो गए हैं उसके बाद ही स्कूलें और कॉलेज खोलने का निर्णय लिया जाए. तबतक पढाई में बाधा ना हो इसके लिये ऑनलाईन, टीवी, वर्कबुक, प्री लोडेड टॅब इस सभी पर्यायों पर विचार किया जाए जिसकी सूचना मुख्यमंत्री ने पहले दी थी. किसी भी परिस्थिती में अर्जंट में स्कूल ना खोली जाए. कोविड सेवा में कार्यरत शिक्षकों को तुरंत बुलाया जाए. सभी शिक्षक वर्क फ्राम होम पद्धती से काम शुरु रखें. वर्क फ्राम होम पद्धती से काम करने पर वर्कलोड बढता है इसलिये आस्थापना पर छोडे गए सरप्लस शिक्षकों को उनकी स्कूलों में काम पर वापस लगाया जाए. शैक्षणिक साल 2020-21 और 2021-22 में क्लब करके के छुट्टियां कम करके पिछले दिनों हुआ शैक्षिणिक नुकसार हम शिक्षक पूरा कर देंगे एैसा आवाहन भी शिक्षकों ने किया. मुख्य मंत्री को दिये गए ज्ञापन में संघटना के कार्य अध्यक्ष एस.बी. शिरसाठ, अशोक कदम, एम.वी. बच्छाव, राजेंद्र सावंत, बी.कें शेवाले, माणिक मढवई और अन्य शिक्षक सदस्यों के हस्ताक्षर हैं. स्कूल शुरु करने और किस प्रकार काम होगा इस बात की जिम्मेदारी व्यवस्थापन को देना गलती है. कोरोना का प्रादुर्भाव कम हुआ है या किस स्थिती में हैं इस बात का निर्णय लेने का अधिकारी केवल राज्य सरकार या स्थानिक प्रशासन को है. ये जिम्मेदारी स्कूल व्यवस्थापन समिती पर डालना खतरनाक सिद्ध हो सकता है. इन दिनों कोरोना का पांचवा और खतरनाक चरण चल रहा है. शहर के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में भी बडी संख्या में कोरोना का फैलाव बढ रहा है. इस स्थिती में 1 जुलाई से स्कूलें शुरु करना योग्य नहीं है. इस भयानक स्थिती के खत्म होने पर ही ये निर्णय लिया जा सकता है इस बात का ध्यान राज्य सरकार को देना चाहिये.


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