Customer Panchayat Demand, not Earning, Not even Fees ग्राहक पंचायत की मांग , कमाई नहीं तो फीस भी नहीं
ग्राहक
पंचायत
की
मांग
, कमाई नहीं
तो
फीस
भी
नहीं
फी
बढाने
वाली
संस्थाओं
पर
की
जाए
कार्रवाई
नाशिक, कोरोना cवायरस के कारण पिछले 3 माह से सभी कारोबार बंद हैं. इस कारण अनेक लोगों की नौकरियां भी चली गई हैं. कई लोगों के वेतन भी पूरे नहीं मिल रहे हैं. एैसे में राज्य में लोगों की आर्थिक स्थिती डांनवाडोल हो गई है. सभी लोगों के आर्थिक गणित बिगड गए हैं. एैसे परिवारों को आर्थिक स्थिती से उबरने के लिये और बच्चों की शिक्षा पर इसका बुरा परिणाम ना हो इसके लिये इस साल स्कूलें फी ना बढाऐं.
इस साल शैक्षणिक सुविधाओं का उपयोग नहीं हो सका. इसलिये संस्थाऐं इस साल की स्कूल की फी 40 से 50 प्रश कम करे एैसी मांग ग्राहक पंचायत महाराष्ट्र के नाशिक विभाग की ओर से की गई है. पिछले 3 महीनों से कोरोना के प्रकोप के कारण केवल राज्य ही नहीं पूरे देश में सभी व्यव्हार ठप्प थे. जून माह में जनजीवन को सुधारने में राज्य सरकार प्रयत्न कर ही रही थी कि कोरोना को प्रकोप नाशिक जिले के साथ साथ नाशिक शहर में भी बढ गया. एैसे में लोग अब घरों से निकलने के लिये डरने लगे हैं और कई व्यापारी संघटनाओं ने बंद की घोषणा कर दी हैं. एैसी स्थिती में सभी की आर्थिक हालत खराब है. इस वातावरण में राज्य में लागू शुल्क विनियम कानून और आपत्ती व्यवस्थापन कानून के अनुसार राज्य की स्कूलें फी से संबंधित शेक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिये फि में किसी प्रकार की बढोतरी ना करे.
इसी प्रकार शेक्षणिक सुविधाओं का उपयोग नहीं करना पडा इसलिये कम खर्च होगा जिससे संस्थाओं को फी कम करने में कोई बाधा नहीं आएगी. एैसा निर्देश 8 मई 2020 के आदेश में दिया गया है. इस आदेश के अनुसार काम ना करने वाली संस्थाओं के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए एैसी मांग ग्राहक पंचायत समिती महाराष्ट्र के नाशिक विभाग की ओर से की गई है. पंचायत के विभागीय अध्यक्ष मार्तंड जोशी, अरुण भर्गवे, जिला अध्यक्ष सुधीर काटकर, महानगर अध्यक्ष अॅड. सुरेंद्र सोनवणे ने शिक्षण आयुक्त को ज्ञापन अपनी मांगो का ज्ञापन दिया
इस साल शैक्षणिक सुविधाओं का उपयोग नहीं हो सका. इसलिये संस्थाऐं इस साल की स्कूल की फी 40 से 50 प्रश कम करे एैसी मांग ग्राहक पंचायत महाराष्ट्र के नाशिक विभाग की ओर से की गई है. पिछले 3 महीनों से कोरोना के प्रकोप के कारण केवल राज्य ही नहीं पूरे देश में सभी व्यव्हार ठप्प थे. जून माह में जनजीवन को सुधारने में राज्य सरकार प्रयत्न कर ही रही थी कि कोरोना को प्रकोप नाशिक जिले के साथ साथ नाशिक शहर में भी बढ गया. एैसे में लोग अब घरों से निकलने के लिये डरने लगे हैं और कई व्यापारी संघटनाओं ने बंद की घोषणा कर दी हैं. एैसी स्थिती में सभी की आर्थिक हालत खराब है. इस वातावरण में राज्य में लागू शुल्क विनियम कानून और आपत्ती व्यवस्थापन कानून के अनुसार राज्य की स्कूलें फी से संबंधित शेक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिये फि में किसी प्रकार की बढोतरी ना करे.
इसी प्रकार शेक्षणिक सुविधाओं का उपयोग नहीं करना पडा इसलिये कम खर्च होगा जिससे संस्थाओं को फी कम करने में कोई बाधा नहीं आएगी. एैसा निर्देश 8 मई 2020 के आदेश में दिया गया है. इस आदेश के अनुसार काम ना करने वाली संस्थाओं के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए एैसी मांग ग्राहक पंचायत समिती महाराष्ट्र के नाशिक विभाग की ओर से की गई है. पंचायत के विभागीय अध्यक्ष मार्तंड जोशी, अरुण भर्गवे, जिला अध्यक्ष सुधीर काटकर, महानगर अध्यक्ष अॅड. सुरेंद्र सोनवणे ने शिक्षण आयुक्त को ज्ञापन अपनी मांगो का ज्ञापन दिया
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